संगीत सुना है मैंने
जब कोई हवा चली
पत्ता सरसरा उठा
और जब शाम ढली
संगीत सुना है मैंने
जब कोई तारा चमका
और चांदनी खिलखिलाई
बादलों के बीच से
एक बिजली हंसी
संगीत सुना है मैंने
जब शिवालय की घंटी बजी
और गंगा की लहरें उठी
मांझी की नाव चली और
कोई तितली उड़ चली
No comments:
Post a Comment