तेरी आँखों के समंदर
में डूब जाऊंगा
तू बुलाएगी तो भी
न बाहर आऊंगा
यह जन्नत सबसे
महफूज लगती है
हर दर्द मै अब
यही छुपाऊंगा
कही बंद न कर लेना
तू पलकें अपनी
वरना अपनी परेशानी
कहाँ ले जाऊंगा
जब भी दुनिया से
भागता हूँ तो यही
छिपता हूँ आकर
पर डर है यार कि
तू गर भगा देगा
तो कहाँ जाऊँगा